#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 के अनुसार पूर्ण परमात्मा कविर्देव का निजधाम तीसरा मुक्ति धाम सतलोक में है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का जन्म मरण नही होता है। जबकि पृथ्वी लोक याने की काल लोक में जन्म-मरण का चक्र चलता ही रहता है। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक 🏡काल लोक/पृथ्वी लोक में पांच तत्व का शरीर होता है। लेकिन सतलोक में हमारा पांच तत्व का शरीर नहीं होता। वहाँ हमारा नूरी शरीर होता है। जो नश्वर नहीं होता।Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक 🍀सतलोक कैसा है ? सतलोक ऐसा अमर लोक है जहां प्रत्येक हंस आत्मा के शरीर का तेज 16 सूर्यों के समान है। जहां सिर्फ 🌿पूर्ण गुरु द्वारा बताई गई सतभक्ति से ही जा सकते हैं। Sant Rampal Ji Maharaj.
*#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक* 🏡ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 के अनुसार पूर्ण परमात्मा कविर्देव का निजधाम तीसरा मुक्ति धाम सतलोक में है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का जन्म मरण नहीं होता है। जबकि पृथ्वी लोक / काल लोक पर जन्म - मरण का चक्र चलता ही रहता है।.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक सतलोक में जाने के बाद जीवात्मा का जन्म-मरण हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। लेकिन सतभक्ति के अभाव में पृथ्वी के प्राणी 84 लाख योनियों के चक्कर में भटकते रहते हैं। - Sant Rampal Ji Maharaj Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक पृथ्वी लोक यह काल का लोक है। यहां पल भर में ना जाने कितने पाप कराता आता है यह काल । जबकि सतलोक में जीवो की हिंसा नहीं होती सतलोक सुख का सागर है। वह शाश्वत स्थान है। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक Sant Rampal Ji Maharajकाल लोक/पृथ्वी लोक में सुविधाजनक वस्तुएं होने के बावजूद यहां कोई भी सुखी नहीं है। यहां हर पल मौत का तांडव होता है। यहां हर व्यक्ति के मन में रोग तथा मृत्यु का भय हर पल रहता है। सतलोक में ना रोग का, ना मौत का भय। वहां किसी वस्तु का अभाव.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक परमात्मा कहते हैं - पृथ्वी ऊपर पग जो धारे, करोड़ जीव एक दिन में मारे। ये काल का लोक है यहाँ पल भर में न जाने कितने पाप कराता है ये काल। जबकि सतलोक में कोई पाप/ जीव हिंसा नहीं होती। सतलोक सुख सागर है। - Sant Rampal Ji Maharaj Sant Rampal Ji Maharaj.
*#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक* 🏡परमात्मा कहते हैं - पृथ्वी ऊपर पग जो धारे, करोड़ जीव एक दिन में मारे। ये काल का लोक है यहाँ पल भर में न जाने कितने पाप कराता है ये काल। जबकि सतलोक में कोई पाप/ जीव हिंसा नहीं होती। सतलोक सुख सागर है।.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक Sant Rampal Ji Maharaj 🏡सतलोक में दूध की नदियां बहती हैं। वहां किसी वस्तु का अभाव नहीं। जबकि काल लोक/पृथ्वी लोक पर चारों तरफ गंदगी के ढेर लगे हैं। इस लोक को खोकापुर भी कहते हैं। यहां सब वस्तुओं का अभाव है।.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक Supreme God Kabir is the Master of Satlok which is eternal. Satan is the King/Lord of twenty-one universes which are destructible. Heaven is also mortal. Sant Rampal ji Maharaj 🙏🙏🌷.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक सतलोक अविनाशी लोक है। जहाँ ऊंच-नीच की अवधारणा नहीं है। इस कारण द्वेष उत्पन्न नहीं होता। जबकि पृथ्वी लोक पर ऊंच-नीच, छोटे-बड़े की आग में सारा संसार जल रहा है। ➡️ Sant Rampal Ji Maharaj ( YouTube में सर्च करे ).
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक सतलोक ऐसा अद्भुत स्थान है जहां कोई भी पदार्थ खराब नही होता तथा जीवो को ना तो कभी बुढ़ापा आता है ना ही मृत्यु होती है। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक 🏡जरा (वृद्धावस्था) व मरण पृथ्वी लोक का अटल सत्य है। इससे कोई जीव नहीं बच सकता। सतलोक में जाने के बाद ये दोनों कहर पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक It is only possible to go to Satlok if we take updesh (initiation) from a Complete Saint and keep doing bhakti of Supreme God throughout our life. Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक 💐🌹🥀🌺🌷🌸💮🏵️🌻🌼 सतलोक सुख सागर है। सतलोक में परमात्मा कबीर जी सत्पुरुष रूप में बहुत बड़े गुम्बज के नीचे विराजमान है। वहां पर उनके एक रोम कूप की शोभा, करोड़ चंद्रमा तथा करोड़ सूरज के प्रकाश से भी ज़्यादा है। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक After going to Satlok, the birth and death of the soul ends forever. But in the absence of Satbhakti, the creatures of the earth keep wandering in the circle of 84 lakh yonis. Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक The king of Satlok(eternal place) and the infinite universes is the most merciful God Kabir. Satan, the king of 21 universes, including heaven(mortal place), is the merciless God. Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक पृथ्वी लोक काल का लोक है जिसकी हर वस्तु नाशवान है। इसके अंतर्गत आने वाले भगवान भी नाशवान हैं। सतलोक ही एक ऐसा स्थान है जहां की हर वस्तु अमर है। वहां पर हंस आत्माओं को पीने के लिए भी अमृत मिलता है। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक परमात्मा कहते हैं - पृथ्वी ऊपर पग जो धारे, करोड़ जीव एक दिन में मारे। ये काल का लोक है यहाँ पल भर में न जाने कितने पाप कराता है ये काल । जबकि सतलोक में कोई पाप / जीव हिंसा नहीं होती सतलोक सुख सागर है। Sant Rampal Ji Maharaj.
जरा (वृद्धावस्था) व मरण पृथ्वी लोक का अटल सत्य है। इससे कोई जीव नहीं बच सकता। सतलोक में जाने के बाद ये दोनों कहर पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं। #सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक सतलोक में जाने के बाद जीवात्मा का जन्म-मरण हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। लेकिन सतभक्ति के अभाव में पृथ्वी के प्राणी 84 लाख योनियों के चक्कर में भटकते रहते हैं। Sant Rampal Ji महाराज.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक 🏡काल लोक/पृथ्वी लोक में जन्म-मृत्यु और वृद्धावस्था सबसे बड़े दुख हैं। जबकि सतलोक में सर्व सुख हैं। न ही जन्म-मृत्यु का दुख, न ही वृद्धावस्था का दुःख। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक Sant Rampal Ji Maharaj 🏡काल लोक/पृथ्वी लोक पर प्रत्येक जीव दुःखी है। सतलोक सुख का सागर है। वहां दुख नाम की कोई चीज़ नहीं। जन्म-मृत्यु नहीं है। बुढ़ापा नहीं है।.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक काल लोक/पृथ्वी लोक में चींटी से लेकर हाथी तक, रंक से लेकर राजा तक कोई सुखी नहीं है। सतलोक एकमात्र ऐसा स्थान है जहां राग द्वेष नहीं हैं। जहां किसी वस्तु का अभाव नहीं। जहां सभी प्यार से रहते हैं। जहां बारह मास बंसत रहता है। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक 🏡ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 के अनुसार पूर्ण परमात्मा कविर्देव का निजधाम तीसरा मुक्ति धाम सतलोक में है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का जन्म मरण नहीं होता है। जबकि पृथ्वी लोक / काल लोक पर जन्म - मरण का चक्र चलता ही रहता है। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक 🍃गीता जी अध्याय 8 श्लोक 16 के अनुसार पृथ्वी लोक से ब्रह्मलोक तक सभी लोक पुनरावृत्ति में हैं। Sant Rampal Ji Maharaj.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक सतलोक कैसा है ? सतलोक ऐसा अमर लोक है जहां प्रत्येक हंस आत्मा के शरीर का तेज 16 सूर्यों के समान है। जहां सिर्फ पूर्ण गुरु द्वारा बताई गई सतभक्ति से ही जा सकते हैं।.
#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक The king of Satlok(eternal place) and the infinite universes is the most merciful of God Kabir. Saitan, the king of 21 universes, including heaven(mortal place), is the merciless God. Sant Rampal Ji Maharaj.